Tuesday, October 22, 2013

#4--न डगमगाए तेरे पग

न डगमगाए तेरे पग

na dagmagayege pag, pag,
Pag


जीवन की चढ़ाई आई, डगमगाएगे तेरे पग,
संभल कर फूंक-फूंक कर रखना कदम है आसान डग। 
मंजिल है सामने मिल गई है सीढ़ी सीधी,
कभी डगमगाएगा तो कभी खीचे जायेंगे तेरे पग, 
आई जीवन की चढ़ाई आई डगमगाएंगे तेरे पग। 
मौका आएगा खेला जायेगा खेल साथ तुम्हारे,
कही हो न ऐसा मोहरा बन जाए तू खुद प्यारे,
प्यारे सुन जीत की बताए तू हो जा सजग,
आई जीवन की चढ़ाई आई डगमगाएंगे तेरे पग।

No comments:

Post a Comment

Bakhani Hindi Poems, kavita- khayali pulao

The video for the hindi poem in my website https://bakhani.com https://bakhani.com/khayali-pulao/ Wordings are as follows खयाली पुलाव ...