Wednesday, October 9, 2013

#3--भ्रष्टाचारियो किस - किस से छुपओगे?

भ्रष्टाचारियो किस - किस  से छुपओगे?


इससे छुपाओगे, उससे छुपाओगे,
मुझसे छुपाओगे,अपने आप से छुपाओगे,
कण - कण में व्याप्त है ईश्वर,
तुम रब से क्या छुपाओगे?
जो भी करते हो, जितना भी करते हो,
सब लेखा - जोखा ईश्वर लिखता है,
कितना तुम भागो दुनिया से,
पर आत्मा से कहा बच पओगे?
आत्मा-परमात्मा की जोडी अजीब है,
जहा जाओगे खुद को दोषी पाओगे,
कण - कण में व्याप्त ही ईश्वर,
तुम उस रब से क्या छुपाओगे?

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