Tuesday, October 22, 2013

#4--न डगमगाए तेरे पग

न डगमगाए तेरे पग

na dagmagayege pag, pag,
Pag


जीवन की चढ़ाई आई, डगमगाएगे तेरे पग,
संभल कर फूंक-फूंक कर रखना कदम है आसान डग। 
मंजिल है सामने मिल गई है सीढ़ी सीधी,
कभी डगमगाएगा तो कभी खीचे जायेंगे तेरे पग, 
आई जीवन की चढ़ाई आई डगमगाएंगे तेरे पग। 
मौका आएगा खेला जायेगा खेल साथ तुम्हारे,
कही हो न ऐसा मोहरा बन जाए तू खुद प्यारे,
प्यारे सुन जीत की बताए तू हो जा सजग,
आई जीवन की चढ़ाई आई डगमगाएंगे तेरे पग।

Wednesday, October 9, 2013

#3--भ्रष्टाचारियो किस - किस से छुपओगे?

भ्रष्टाचारियो किस - किस  से छुपओगे?


इससे छुपाओगे, उससे छुपाओगे,
मुझसे छुपाओगे,अपने आप से छुपाओगे,
कण - कण में व्याप्त है ईश्वर,
तुम रब से क्या छुपाओगे?
जो भी करते हो, जितना भी करते हो,
सब लेखा - जोखा ईश्वर लिखता है,
कितना तुम भागो दुनिया से,
पर आत्मा से कहा बच पओगे?
आत्मा-परमात्मा की जोडी अजीब है,
जहा जाओगे खुद को दोषी पाओगे,
कण - कण में व्याप्त ही ईश्वर,
तुम उस रब से क्या छुपाओगे?

Thursday, October 3, 2013

#2--फूल मत तोडो !

The Wallpaper originally searched using google.com and modified accordingly.
Don't Pluck The Flower

शरम कर इस जहा में,
                      प्रेम प्रतीक तू तोडता है,
तू  तोडता है ऐसा बंधन जो,
                       दिल-दिल से जोडता है ।
मत कर ऐसा क्यो,
                        कोमल भावना मारोडता है,
शरम कर इस जहा में,
                      प्रेम प्रतीक तू तोडता है ।
मत दिखा बेरहमी यह,
                      बन प्रेम का प्रतीक तू,
तेरा दिल तो कोमल है ,
                      दे दुनिया को नई सीख तू ।
बन जा मिशाल दुनिया के लिये,
                       तू क्यो नाक सिकोडता ही ,
अरे !शरम कर इस जहा में,
                      प्रेम प्रतीक तू तोडता है ।

Bakhani Hindi Poems, kavita- khayali pulao

The video for the hindi poem in my website https://bakhani.com https://bakhani.com/khayali-pulao/ Wordings are as follows खयाली पुलाव ...