Sunday, September 29, 2013

#1--मा [ Mother-maa]



मा बोले बेटे से :-
उठ बेटा दुनिया देख, दुनिया देख रही तुझको,
मत जा ज्यादा दूर मा से, ममता कह रही तुझको ।
बात-बात मे गुस्सा करके, बेटा युं तेवर दिखलाये,
ममता से यू ओत-प्रोत मां, ममता के जेवर पहनाये ।
चंद पंक्ती की तालीम पा कर, बेटे माओ को ठुकाराये ।
मा तो वह ही जो सबसे पहले, उंगली थाम चलना सिखलाये ।
प्रथम पाठशाला की शिक्षा, बेटे यू ही भूल जाये,
पर मा है वह एक जो, कदम-कदम पर थमना सिखालये 
याद करो बचपन ऐ बेटो, मा के आन्चल मे छुप जाते,
करी शरारत या फिर गलती, तोतली बानी मा को बतलाते 
ममता की आन्चल से ढक कर, मा यू  ही दुनिया से लड जाती,
दुनिय मे काले साये से बचने को, जन्म से काला टीका लगाति 
आज के बेटे दुनिय की चका- चौन्ध मे, मा से यू हि लड जाते,
फिर थोडी सी ठोकर लगने से, यू ठोकर खा कर गिर जाते 
तब भी मा बेटे से यह ही कहती है :-
उठ बेटा दुनिय देख, दुनिया देख रही तुझको,
मत जा ज्यादा दूर मा से, ममता कह रही तुझको 

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