Friday, June 26, 2020

Bakhani Hindi Poems, kavita- khayali pulao

The video for the hindi poem in my website https://bakhani.com



https://bakhani.com/khayali-pulao/



Wordings are as follows

खयाली पुलाव तो ऐसे पकते,
जैसे बीरवल की खिचडी,
मन में आई बात जो ठहरी,
साफ दिखे हो खुली सी खिडकी।
मन के उस एक झरोंखे से,
निकले वो किरणें एक-एक कर,
दिखे दिमाग पटल पर ऐसे,
जैसे पर्दे पर प्रोजेक्टर।....
Click bellow for video. And above mentioned link for the full poem.


Friday, June 19, 2020

#61 करो उद्धार (Word pyramid)

#61 करो उद्धार (Word pyramid)



मेरे
किशन
कन्हाई रे
जग में सब
पाले अहंकार
भूले प्रेम दुलार
करो हे प्रभु उद्धार।
हे
राम
जहाँ में
हर ओर
रावण आज
मचाये उत्पात

......


शब्द पिरामिड का प्रथम प्रयास। कुल 4 खण्ड। प्रत्येक खण्ड शब्द पिरामिड रचना 1 शब्द से लेकर 8 शब्द तक। समीक्षात्मक टिप्पणी की प्रतीक्षा है।

Wednesday, May 6, 2020

Monday, March 9, 2020

hindustan

https://www.bakhani.com
hindi poem- HINDUSTAN
SEE AND LISTEN POEM WRITTEN AND RECORDED BY ME UPLOADED ON YOUTUBE.
यूट्यूब पर अपलोड की गई मेरी स्वरचित हिन्दी कविता शीर्षक- हिन्दुस्तान

फतवे लगते हैं तो लगनें दो ।

मुझे गुरेज नहीं ठेकेदारों से,
नहीं परवाह मुझे कौम किरदारों से,
मैं हिन्दुत्व पर भी चाहे गर्व न करूं,
पर परहेज नहीं भारत जय के नारों से।

कुछ जन्म से कहते खुद को वासी,
कुछ कहते वासी खुद को इच्छा से,
मैं दिल से भारतवासी हूं,
दिल गूंजता है भारत के जयकारों से।

https://www.youtube.com/watch?v=0Ot5h1K8X8Q

Sunday, January 5, 2020

hindustan

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 मेरा हिन्दुस्तान, मेरा भारत, मेरा INDIA किसी भी नाम से पुकारूं दिल गर्व से सिर्फ एक ही आवाज देता है "भारत माता की जय"।  हिन्दुस्तान जो उत्तर में हिमालय की वर्काफीली चोटियों से सुसज्जित काश्मीर से दक्षिम में हिन्दमहासागर के तट पर स्थित कन्याकुमारी तक फैला है । हिन्दुस्तान की सीमाएं शदियों से सिमटती रहीं कई ऐतिहासिक साक्ष्य उपलब्ध हैं जिसके आधार पर कह सकते हैं कि आज जो हिन्दुस्तान हमें दिख रहा है उतना ही नहीं रहा।  इतिहास हिन्दुस्तान के विस्तार की गाथा कहता है परन्तु अफशोष है कि हिन्दुस्तान से सम्बन्धित ऐतिहासिक साक्ष्यों को बहुत तोडा मरोडा गया मिटाया गया और वास्तविकता को दबाया गया।
हिन्दुस्तान को समर्पित मेरी दो हिन्दी कविताएं हैं जिनका आज अपनें इस ब्लाग पोस्ट में जिक्र करनें जा रहा हूँ जो मेरी वेबसाइट http://www.bakhani.com पर प्रकाशित हैं । उन्हीं के बारें में यहां विवरण है-
1. ऐसा मेरा हिन्दुस्तान

फन फैलाए खडा पाक है,ड्रैगन लेवै ऊंची उडान,
बाहर भीतर से फैला डर,
फिर भी ऊंचा सर देखो शान,
पक्ष विपक्ष हाहाकार हरदम,
हर नेक काज के बुरे बखान,
मार पडे चाहे चोंट पडे,
न दिखे चिन्ता का कोई निशान,
प्रगति पथ पर काबिज है,
ऐसा अपना हिन्दुस्तान।
बापू चाचा आजाद गुरू,
अरु सबनें बनाया देश महान,
देश के जुुगाड से देखो,
नहीं रहा है विश्व अंजान,
हर बहकावे में आ जाए,
भोली भाली जनता नादान,
जिन्हे चुना है देश हितैषी,
वही दिखाते अल्प ज्ञान,
विश्व में दिखलाई महाशक्ति है,
ऐसा अपना हिन्दुस्तान।
जन सुख मन सुख वसुधैव कुटुम्बकम,
उद्येश्य देश का विश्व कल्यान,
कृषि अग्रणी व्यवसाय अग्रणी,
अग्रणी देश में ज्ञान विज्ञान,
रामानुजम भाभा भीमराव,
अब्दुल कलाम सरीखे हैं विद्वान,
यहां राम रहीम दीवाली ईद,
ईश परम क्रिसमस रमजान,
संग हस उत्साह मनाये,
ऐसा अपना हिन्दुस्तान।


2. हिन्दुस्तान

फतवे लगते हैं तो लगनें दो ।
मुझे गुरेज नहीं ठेकेदारों से,
नहीं परवाह मुझे कौम किरदारों से,
मैं हिन्दुत्व पर भी चाहे गर्व न करूं,
पर परहेज नहीं भारत जय के नारों से।
कुछ जन्म से कहते खुद को वासी,
कुछ कहते वासी खुद को इच्छा से,
मैं दिल से भारतवासी हूं,
दिल गूंजता है भारत के जयकारों से।
सीखा है आदर सम्मान की भाषा,
छोंड धर्म का चश्मा सब सींखेंगे है आशा,
निज हित निज स्वारथ और लालच,
बच के रहना दिल के इन गद्दारों से।
ऐ जमी तू जल मुझे चलनें से परहेज नहीं,
गर जलेगी दुनिया संग मुझे जलनें से परहेज नहीं,
आजादी को जाति धर्म की खूब लडी लडाई,
खूब सीख मिली है देश की सरकारों से।
बहन बेटी जब जलती मरतीं दरिंदे खुले आम घूमते हैं,
घर बैठे सारे प्रबुद्धजन देख के टीवी बस उफ करते हैं,
बेटी को शिक्षा दे दो चंगा बेटों को मत वंचित करो,
गर बेटा दरिंदा है तो चुनवा दो उन्हें दीवारों से ।

मेरी हिन्दी कविता "हिन्दुस्तान" अमर उजाला के काव्य सेक्शन में भी प्रकाशित हुई है । जिसका लिंक है-

Bakhani Hindi Poems, kavita- khayali pulao

The video for the hindi poem in my website https://bakhani.com https://bakhani.com/khayali-pulao/ Wordings are as follows खयाली पुलाव ...